ढाका। सरकार से तकरार के बाद बांग्लादेश के पहले हिंदू चीफ जस्टिस सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, सिन्हा पर मनी लॉन्ड्रिंग, भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं जैसे आरोप लगे थे, जिसके बाद पिछले एक महीने से वह छुट्टी पर विदेश चले गए थे। छुट्टी खत्म होते ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया। ऑस्ट्रेलिया से उन्होंने राष्ट्रपति अब्दुल हामिद को इस्तीफा भेजा है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में एक फैसले में जजों के महाभियोग संबंधी संसद के अधिकारों को खत्म करने का फैसला किया था, जिसका सिन्हा ने विरोध किया था। तभी से लगातार विवाद हो रहा है। 5 सीनियर जजों ने चीफ जस्टिस सिन्हा पर मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार जैसे आरोपों के आधार पर उनके साथ काम करने से इनकार कर दिया था। सिन्हा 17 जनवरी, 2015 को बांग्लादेश के 21वें प्रधान न्यायाधीश बने थे। उनका कार्यकाल अगले वर्ष 31 जनवरी को पूरा होने जा रहा था। राष्ट्रपति के प्रेस सचिव जैनुल आबिदीन ने बताया, उनका (सिन्हा का) त्यागपत्र बांग्लाभवन (राष्ट्रपति भवन) पहुंच गया है।उन्होंने इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी। हालांकि कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह इस बात की पुष्टि है कि सिन्हा ने पद छोड़ दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों पर महाभियोग चलाने के संसद के अधिकार को रद्द करने के उनके फैसले को लेकर सरकार उनसे खफा हो गई थी। विवादों के बीच 13 अक्टूबर को वह ढाका से ऑस्ट्रेलिया रवाना हो गए थे।
चीफ जस्टिस सुरेन्द्र कुमार सिन्हा ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद इस्तीफा दिया
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